मनमोहन गौनियाल का गीत ‘ए जाणु हमारो गढदेश’ बना उत्तराखंड का टैगलाइन।

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उत्तराखंड देवभूमि है,यहाँ की प्राकर्तिक सौंदर्यता पर्यटकों को खूब लुभाती है,भारतवर्ष का हिमालय मुकुट समेटे ये राज्य 52 गढ़ों का देश भी कहलाता है,यहाँ के त्यौहार,रीति रिवाज,एवं प्रकृति प्रेम को दर्शाता हर मौसम यहाँ की खूबसूरती को और भी बढ़ाता है,वसंत ऋतु का सजीव चित्रण एवं इस समय आने वाले त्यौहारों का जिक्र युवा गायक मनमोहन गौनियाल ने अपने गीत ‘ए जाणु हमारो गढ़देश’ में बड़ी खूबसूरती से किया है। 

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‘अतिथि देवो भव’ के मूलमंत्र पर विश्वास रखने वाले उत्तराखंड राज्य को ऐसे ही देवभूमि नहीं कहा गया है,चारधामों वाला ये प्रदेश अपने आप में बेहद ही ख़ास है,प्राकर्तिक सौंदर्यता के साथ ही यहाँ के रीति रिवाज,रहन सहन,खान पान भी आगंतुकों को खूब आकर्षित करता है,युवा गायक मनमोहन गौनियाल ने उत्तराखंड का गौरव गान करते हुए ‘ए जाणु हमारो गढ़देश’ गीत गाया है।

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‘ए जाणु हमारो गढ़देश’ गीत को मनमोहन गौनियाल ने ही लिखा है,एवं इसे संजय कुमोला ने संगीत दिया है,गीत में वसंत ऋतु का सजीव वर्णन एवं इस समय आने वाले त्यौहार होली एवं प्रकृति में होने वाले बदलावों को बखूबी चित्रित किया है।वीडियो में मनमोहन गौनियाल के साथ प्राची पंवार (कमली) उत्तराखंड का गुणगान करती नजर आई।

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डीजे की धूमधाम के बीच ऐसे गीत श्रोताओं को सुकून पहुँचाने का काम करते हैं,जो जन्मभूमि का गुणगान करते हैं और हमें गर्व महसूस कराते हैं कि हम इतने खूबसूरत प्रदेश के निवासी हैं।राजस्थान का टैग लाइन ‘पधारो म्हारे देश’ जैसा ही ये गीत भी उत्तराखंड का टैगलाइन बन सकता है।मनमोहन गौनियाल ने ‘ए जानो हमारो गढ़देश‘ गीत से सम्पूर्ण उत्तराखंड की झलकी दिखलाई है।

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